शाहकोट (पंजाब): भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी Bharatmala Highway Project का असर पंजाब के ग्रामीण इलाकों में भी तेजी से दिखाई दे रहा है। लेकिन इस विकास के रास्ते में कुछ लोगों की आवाज़ दबाई जा रही है—ऐसा आरोप लगाया है शाहकोट के मियाणी गांव के दो भाइयों ने।
पंडित कृष्ण देव और पवन कुमार, जिनका घर और एक एकड़ ज़मीन भारतमाला परियोजना के तहत अधिग्रहित की गई है, अब प्रशासन पर जबरदस्ती कब्जा लेने और किए गए वादों को न निभाने का आरोप लगा रहे हैं।
✔️ क्या है पूरा मामला?
मियाणी गांव में जब हाईवे के निर्माण का रास्ता निकाला गया तो इन दोनों भाइयों का मकान और जमीन उस रूट में आ गई। प्रशासनिक अमला—जिसमें DRO Jalandhar, BDO Lohian Khas, Tehsildar, Patwari और DSP Omkar Singh Barad शामिल थे—मौके पर पहुंचा और घर को खाली करवाया गया।
परिवार का कहना है कि मौके पर कब्जा देने से पहले कुछ शर्तें तय हुई थीं:
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एक बोरवेल (Borewell) घर के अंदर खुदवाकर देना
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घर बनाने के लिए सामग्री जैसे Cement, ईंटें, रेत आदि देना
प्रशासन ने मौखिक रूप से इन मांगों को स्वीकार भी किया था। लेकिन अब जब कब्जा ले लिया गया, तो इन वादों को पूरा नहीं किया गया है।
📢 संघर्ष समिति का हस्तक्षेप
Kisan Mazdoor Sangharsh Committee ने इस मामले को उठाया और ADC Budhiraj Singh से मुलाकात कर प्रशासन के रवैये पर आपत्ति जताई। संगठन के नेता सलविंदर सिंह जाणिया ने कहा कि यदि प्रशासन ने तय शर्तें पूरी नहीं कीं, तो आने वाले समय में आंदोलन किया जाएगा।
कृष्ण देव ने कहा:
“प्रशासन ने पहले हमारा घर जबरन गिराया, फिर सामग्री और सुविधाएं देने का वादा किया। अब जब हम मांग रहे हैं तो अधिकारी फोन उठाना भी बंद कर चुके हैं।”
🔍 प्रशासन की चुप्पी
फिलहाल प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। ADC स्तर पर ज्ञापन जरूर सौंपा गया है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है।
🛣️ भारतमाला परियोजना की पृष्ठभूमि
Bharatmala Pariyojana एक Central Government initiative है जिसके तहत देशभर में Economic Corridors, Border and International Connectivity Roads विकसित की जा रही हैं। पंजाब में कई ज़िलों में इस परियोजना के तहत अधिग्रहण हो रहा है।
लेकिन जन भागीदारी और पारदर्शिता के बिना इस तरह के मामले विकास विरोधी छवि बना सकते हैं।