पंजाब सरकार ने करप्शन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए फरीदकोट DSP क्राइम अगेंस्ट वूमेन राजनपाल को अरेस्ट किया है। DSP ने अपने खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत रद्द करने के लिए 1 लाख की रिश्वत देने की कोशिश भी की। हालांकि वह इसमें कामयाब नहीं हो पाए।
उन पर FIR दर्ज हुई है। सरकार का कहना है कि भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ मान सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति है।
भ्रष्टाचार की हुई थी शिकायत
जानकारी के मुताबिक, जब डीएसपी के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत हुई थी, तब एसपी ने उस शिकायत को सेटल करवाने की कोशिश की थी। इसके लिए उन्होंने एक लाख रुपए की रिश्वत ऑफर की थी। पुलिस ने डीएसपी के खिलाफ भ्रष्टाचार विरोधी कानून के तहत एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया है।
वहीं, विभागीय कार्रवाई के भी आदेश दिए गए हैं। पता चला है कि वह कुछ दिन पहले ही डयूटी पर आए थे। 26 अधिकारियों और कर्मचारियों को ड्यूटी में लापरवाही के चलते पंजाब सिविल सेवा (सजा और अपील) नियमावली, 1970 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
मैट्रिमोनियल डिस्प्यूट के केस में लिए थे
पैसे डीएसपी राजन पाल के पास फरीदकोट के गांव पक्का की रहने वाली एक विवाहिता किरणजीत कौर की शिकायत की जांच चल रही थी, जिसमें डीएसपी ने पीड़िता के परिवार से एक लाख रिश्वत वसूली और उनके मामले को भी हल नहीं करवाया। इसके बाद विवाहिता के भाई कर्मतेज सिंह ने एक दिन पहले वीरवार को एसएसपी के पास डीएसपी राजन पाल के खिलाफ एक लाख रिश्वत वसूलने की शिकायत दे दी।
खुद के खिलाफ इस शिकायत की भनक मिलते ही डीएसपी राजन पाल ने एसएसपी डॉ. प्रज्ञा जैन के रीडर एएसआई जसविंदर सिंह से संपर्क साधा और अपने खिलाफ हुई उक्त शिकायत को रफा दफा करवाने के लिए उसे एक लाख रिश्वत देने का प्रयास किया।
रीडर ने तुरंत पूरे मामले की एसएसपी को जानकारी दी और उनकी हिदायत के बाद राजन पाल के खिलाफ थाना सिटी में भ्रष्टाचार रुको एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया और उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया।
6 दिन पहले 25 अधिकारी सस्पेंड किए
गत सप्ताह 28 जुलाई को पंजाब सरकार ने जेलों के अंदर चल रहे भ्रष्टाचार और ड्रग्स नेटवर्क के खिलाफ बड़ा एक्शन किया था। इस दौरान 25 अधिकारियों व कर्मचारियों को अरेस्ट किया था। इन अधिकारियों इकबाल सिंह बराड़ (सुपरिटेंडेंट, जिला जेल मानसा), मनिंदर पाल चीमा (डिप्टी सुपरिटेंडेंट, सेंट्रल जेल लुधियाना), अनिल भंडारी (डिप्टी सुपरिटेंडेंट, बोरस्टल जेल लुधियाना), संदीप बराड़ (डिप्टी सुपरिटेंडेंट, सेंट्रल जेल लुधियाना), यादविंदर सिंह (ए.एस.जे., सेंट्रल जेल फिरोजपुर), इस के अलावा वार्डर हरभुपिंदर सिंह और सिकंदर सिंह (गोइंदवाल साहिब), बिक्रमजीत सिंह और विजय पाल सिंह (अमृतसर), जतिंदर सिंह, रवि, दीपक राय, किरणजीत सिंह, पृथीपाल सिंह और सतनाम सिंह (कपूरथला), सतनाम सिंह और मनदीप सिंह (होशियारपुर), मनिंदर पाल सिंह (लुधियाना), अनु मलिक, रणधीर सिंह, अरविंद देव सिंह, बलवीर सिंह और सुखप्रीत सिंह (मानसा), सतनाम सिंह (नाभा), गगनदीप सिंह (बठिंडा) और अनमोल वर्मा (पठानकोट) शामिल हैं।