हिमाचल प्रदेश में मानसून का प्रकोप जारी है। मौसम विभाग ने सोमवार को 10 जिलों में Orange Alert जारी किया है। अब तक 78 लोगों की जान जा चुकी है और 37 लोग लापता हैं। मंडी जिले में सबसे अधिक तबाही देखने को मिली है।
🌩️ आज हिमाचल के 10 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
हिमाचल प्रदेश के 10 जिलों में सोमवार, 8 जुलाई को ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। किन्नौर और लाहौल-स्पीति को छोड़कर अन्य सभी जिलों में भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। इन जिलों में शिमला, मंडी, कुल्लू, सोलन, सिरमौर, कांगड़ा, चंबा, ऊना, हमीरपुर, और बिलासपुर शामिल हैं।
हालांकि शिमला में आज सुबह धूप निकली, लेकिन मौसम विभाग ने अगले दो दिन मौसम के बिगड़ने की आशंका जताई है। 9 जुलाई से वेस्टर्न डिस्टरबेंस कमजोर होगा और राज्यभर में यलो अलर्ट लागू रहेगा।
📢 अलर्ट का क्षेत्रवार प्रभाव
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8 जुलाई (सोमवार):
🔶 ऑरेंज अलर्ट: शिमला, मंडी, कुल्लू, सोलन, सिरमौर, कांगड़ा, चंबा, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर
🔔 संभावित खतरे: भूस्खलन, फ्लैश फ्लड, जलभराव, पेड़ गिरना -
9 जुलाई (मंगलवार):
🟡 येलो अलर्ट: सभी जिले
🔔 संभावित खतरे: हल्की से मध्यम बारिश, पहाड़ी इलाकों में फिसलन
⚠️ अब तक मानसून में 78 मौतें, 37 लापता
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के आंकड़ों के अनुसार, 20 जून से 6 जुलाई तक कुल 78 लोगों की जान विभिन्न आपदाओं में गई है:
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लैंडस्लाइड: 1
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बादल फटना: 14
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फ्लैश फ्लड: 8
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डूबना: 8
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ऊंचाई से गिरना: 8
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बिजली गिरना: 4
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करंट लगना: 4
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आग व अन्य कारण: 5
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सड़क हादसे: 28
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सांप के काटने से: 2
इसके अलावा, 37 लोग अब भी लापता हैं। राज्य प्रशासन ने सभी जिलों के डीसी को हाई अलर्ट पर रखा है और आमजन को असुरक्षित स्थानों से दूर रहने की सलाह दी है।
🏚️ मंडी में सबसे अधिक तबाही, सेना कर रही राहत कार्य
मंडी जिला में 30 जून की रात भारी बारिश और बादल फटने से भारी तबाही मची। अब तक यहां 14 शव बरामद किए जा चुके हैं और 30 लोग लापता हैं।
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नष्ट हुए घर: 225
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नष्ट हुई गौशालाएं: 243
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कई सड़कें और पुल टूटे
भारतीय सेना ने यहां राहत और बचाव कार्य संभाल लिया है। प्रभावित गांवों तक राशन पहुंचाना भी बड़ी चुनौती बन गया है क्योंकि संपर्क मार्ग पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं।
🛑 प्रशासन की अपील
राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने लोगों से आग्रह किया है कि:
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नदियों, नालों और भूस्खलन-प्रभावित क्षेत्रों से दूर रहें
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अनावश्यक यात्रा से बचें
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आपात स्थिति में तुरंत जिला कंट्रोल रूम से संपर्क करें
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने संबंधित अधिकारियों को अतिरिक्त संसाधन, जेसीबी मशीनें और मेडिकल टीमें तैनात करने के निर्देश दिए हैं।
🔍 विशेषज्ञों की राय
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि हिमाचल में इस बार मॉनसून ने अपेक्षाकृत तेज और अनियमित रूप दिखाया है। अत्यधिक वर्षा के चलते भूमि धंसाव और जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है।
पिछले वर्षों की तुलना में फ्लैश फ्लड और क्लाउड बर्स्ट की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे यह साफ होता है कि जलवायु परिवर्तन हिमालयी क्षेत्रों में अब वास्तविक खतरा बन चुका है।
📸 सोशल मीडिया पर बढ़ी जागरूकता
हिमाचल के लोग सोशल मीडिया के ज़रिए प्रशासन को लाइव अपडेट दे रहे हैं। WhatsApp ग्रुप्स और स्थानीय फेसबुक पेज पर फील्ड रिपोर्ट्स और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिससे प्रशासन को भी राहत कार्य में तेजी मिल रही है।
🧾 निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश में मानसून ने अब तक तबाही का रूप धारण कर लिया है। जहां एक ओर सुंदर वादियों में बारिश का सौंदर्य दिखाई देता है, वहीं दूसरी ओर कई इलाकों में यह विनाश का कारण बन चुका है। सरकार और प्रशासन की सक्रियता के बावजूद प्राकृतिक आपदाएं चुनौती बनकर सामने आ रही हैं।