Chandigarh, 6 जुलाई 2025 – पंजाब और हरियाणा की राजधानी Chandigarh में आवास की समस्या गंभीर रूप लेती जा रही है। शहर में अब केवल लगभग 600 एकड़ बचे हैं, जो residential development के लिए उपलब्ध हैं। यह आंकड़ा इस बात का संकेत है कि तेजी से बढ़ती आबादी के कारण शहर में रहने के लिए जगह लगातार कम होती जा रही है।
शहर की planning authority ने बताया है कि 2016 के बाद से कोई नई आवास योजना या development स्कीम शुरू नहीं की गई है। इससे न केवल real estate के दाम आसमान छू रहे हैं, बल्कि आम नागरिकों के लिए घर खरीदना या किराए पर लेना भी मुश्किल होता जा रहा है। खासतौर पर middle-class और lower-middle-class परिवारों को इस समस्या का ज्यादा सामना करना पड़ रहा है।
इस आवास संकट का प्रभाव शहर के socio-economic माहौल पर भी पड़ रहा है। युवा professionals और छोटे परिवार बाहर के इलाकों में शिफ्ट हो रहे हैं, जिससे commuting का खर्चा और समय दोनों बढ़ रहा है। कई experts का मानना है कि अगर जल्द ही कोई ठोस housing policy नहीं बनाई गई, तो Chandigarh की जीवन गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ेगा।
भविष्य की योजनाएं और चुनौतियां
सरकारी अधिकारी इस समस्या के समाधान के लिए नई land acquisition और affordable housing projects पर काम कर रहे हैं। हालांकि, जमीन की कमी, वित्तीय प्रतिबंध, और bureaucratic प्रक्रियाओं के कारण प्रगति धीमी है। urban planners का सुझाव है कि शहर के आसपास के rural या semi-urban क्षेत्रों को भी integrate कर शहर का विस्तार किया जाए, ताकि आवास की मांग को बेहतर तरीके से पूरा किया जा सके।